मोनिया नृत्य
- आयोजन का समय: October
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महत्व:
बुंदेलखंड में मोनिया नृत्य हर साल चंद्र कैलेंडर के अनुसार नवंबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह में प्रकाश दिवाली / दीपावली के त्योहार के दौरान किया जाता है। इस संबंध में कहानी यह है कि “गोकुल में” जब भगवान कृष्ण ने अपने साथियों (दूधवाले) को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया, तो उन्होंने खुशी में नृत्य किया। इस नृत्य में प्रयुक्त मुख्य वाद्ययंत्र हैं ‘ढोलक’ और ‘नगरिया’ (दोनों ड्रम का एक रूप हैं)। लंबी डंडियों वाले नर नर्तक मार्शल आर्ट दिखाते हैं जब ड्रम की धड़कन उनकी ऊर्जा और भावनाओं को प्रेरित करती है। यह नृत्य फसल कटाई के बाद ‘धन्यवाद देने’ के रूप में भी किया जाता है।
- समारोह पहनावा :
नर्तक बहु-रंगीन परिधान पहनते हैं और मुख्य नर्तक अपने हाथों में मोर पंख धारण करते हैं और बाकी लोग उन पंखों को अपनी पैंट में रखते हैं।